Thursday, 17 April 2025

वर्ण विचार( Analysis of sounds and latter's) क्या है? परिभाषा, प्रकार और उदाहरण!

वर्ण (पद) विचार:-

इसके अंतर्गत वर्णों के आकार ,भेद , उच्चारण और उनको मिलाने की विधि बतायी जाती है।

ध्वनि :-

उच्चारण की दृष्टि से भाषा की लघुतम इकाई ध्वनि है।ध्वनि अर्थात आवाज, आवाज शब्दों की आधारशिला है ।किन्तु हर तरह की आवाज नहीं जैसे जानवरों की आवाज, किसी वस्तु की आवाज ,मौसमी घटनाओं की आवाज आदि । केवल मनुष्य के मुख से निकलने वाली ध्वनि ही भाषा कही जाती है यहां तक कि मनुष्य के मुख से निकलने वाली ध्वनि अर्थात आवाज भी भाषा नहीं कही जा सकती उदाहरण  के लिए कराहने की आवाज ,खर्राटे की आवाज, रोने की आवाज, जम्हाई  लेने की आवाज आदि। हर तरह की ध्वनि भाषा नहीं हो सकती ।भाषा में ध्वनियों को एक खास तरह से व्यवस्थित किया जाता है ताकि वह अर्थ व्यक्त कर सके ।

वर्ण :-

ध्वनि की सबसे छोटी इकाई (आवाज का सबसे छोटा रूप )के लिखित रूप को ध्वनि चिह्न , वर्ण या अक्षर कहते हैं।

ध्वनि को स्वनिम (phoneme) भी कहते हैं। स्वनिम संस्कृत भाषा के स्वन धातु से बना है जिसका अर्थ होता है ध्वनि।

ध्वनि के पक्ष:-
ध्वनि के तीन पक्ष होते हैं _
 (1)    उत्पादन 
 (२)     संवहन 
 (३)     ग्रहण 

            ध्वनि का उत्पादन वाग्इन्द्रियो से होता है 
            उसका संवहन वायु तरंगे करती हैं और 
            ग्रहण की क्रिया कान द्वारा होती है।
ध्वनि गुण :-
ध्वनि गुण चार माने गए हैं। मात्रा, स्वर ,आघात ,वृत्ति। 
ध्वनि गुण को ध्वनि लक्षण ,रागीय तत्व, अखण्ड ध्वनि ,रागिम आदि भी कहते हैं।
ध्वनि के  भेद :-
                  ध्वनि अर्थात स्वनिम के दो भेद होते हैं 
  1   खण्डय (segmental)
  2   खंडेत्तर (supra segmental)
(1) खण्डय स्वनिम :-
                          ऐसी ध्वनियां जिन्हें हम स्वतंत्र रूप से उच्चारित कर सकते हैं उन्हें खण्डय  स्वनिम कहते हैं। इसके दो भेद हैं -(1) स्वर (2) व्यंजन 
(2) खंडेत्तर स्वनिम:-
                          जिन ध्वनियों का स्वतंत्र उच्चारण नहीं हो सकता, उन्हें खंडेत्तर स्वनिम कहते हैं , जैसे-अनुनासिकता,सुर अनुतान, संगम।
                  

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