प्रस्तावना
मनुष्य को अपनी भावनाओं और विचारों को वयक्त करने के लिए जिस माध्यम की आवश्यकता होती है उसे भाषा कहते हैं लेकिन जब यही भावना और विचार प्रतीकों और चिन्हों के माध्यम से किसी दूसरे तक पहुंचाए जाते हैं तो उन्हीं चिन्हों और प्रतीकों को लिपि की संज्ञा दी जाती है। कुछ लोग भाषा और लिपि को एक ही समझते हैं जबकि भाषा और लिपि में अंतर होता है भाषा के लिखित रूप की जो लिखावट होती है उसे ही लिपि कहते हैं।
भाषा क्या है
भाषा वह माध्यम है जिसके द्वारा मनुष्य अपने विचारों और भावनाओं का आदान प्रदान करता है। जिसे सुनकर बोलकर लिख कर प्रकट किया जाता है ।यह मौखिक और लिखित दोनों रूपों में हो सकता है ।
भाषा की विशेषता
1 सामाजिक माध्यम
भाषा एक सामाजिक उपकरण है जिसके द्वारा मनुष्य एक दूसरे तक अपनी जानकारी और विचार पहुंचाता है।
2 व्यवस्थित प्रणाली
भाषा एक नियमबद्ध और व्यवस्थित प्रणाली है इसमें वर्ण शब्द वाक्य और व्याकरण के निश्चित नियम होते हैं।
3 ध्वन्यात्मक प्रकृति
हर भाषा की अपनी विशेष ध्वनि होती है भाषा मुख्यता ध्वनियों के माध्यम से व्यक्त की जाती है ।
4 परिवर्तनशीलता
भाषा समय के साथ बदलती रहती है जैसे पुरानी हिन्दी मध्यकालीन हिन्दी ,आधुनिक हिन्दी।
5 सीखने योग्य
भाषा जन्मजात नहीं होती उसे शिक्षा और अभ्यास के द्वारा सीखा जा सकता है।
6 संप्रेषण का माध्यम
भाषा का मुख्य उद्देश्य संप्रेषण है जो विचारों के आदान प्रदान का साधन है।
7 प्रतीकों पर आधारित
भाषा प्रतीकों पर आधारित होती है शब्द वस्तुओं के लिए प्रतीक होते हैं जैसे पानी शब्द जल के लिए एक प्रतीक है ।
8 मनुष्य मात्र की विशेषता
पशु पक्षियों की ध्वनियां भाषा नहीं होती केवल मनुष्य ही भाषा का प्रयोग करता है ।
लिपि क्या है
लिपि वह प्रणाली है जिसके माध्यम से हम भाषा को लिखते हैं लिपि चिन्हों अक्षरों और प्रतीकों का एक समूह होता है है जिसके माध्यम से भाषा लिखी जाती है ।
उदाहरण
हिन्दी भाषा की लिपि देवनागरी लिपि
उर्दू भाषा की लिपि। नस्तलिक लिपि
अंग्रेजी भाषा की लिपि रोमन लिपि
लिपि की विशेषता
1 भाषा को स्थायित्व देती है
लिपि द्वारा बोली गई भाषा को लिखा जा सकता है और उसे लिख कर स्थाई रूप से सुरक्षित किया जा सकता है।
2 स्मृति की सहायक
लिपि सूचनाओं और विचारों को लंबे समय तक सुरक्षित रखने का कार्य करती है जिससे स्मरण और ज्ञान संचय करने में मदद मिलती है।
3 ज्ञान के संप्रेषण का माध्यम
लिपि ज्ञान संस्कृति साहित्य और इतिहास को पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ाने का काम करती है।
4 दृश्य रूप देती है
लिपि भाषा का लिखित रूप प्रस्तुत करती है जिसे देखा भाषा के रूप में देखा और संजोया जा सकता है।
5 प्रतीकात्मक प्रणाली
लिपि कुछ निश्चित चिन्हों अक्षरों की प्रणाली होती है जो ध्वनियों का प्रतिनिधित्व करती है।
निष्कर्ष
भाषा मनुष्य के विचारों और भावनाओं को एक दूसरे तक पहुंचाने का माध्यम है जबकि लिपि भाषा को लिखने और सहेजने का माध्यम है दोनों का उपयोग अलग अलग कार्यों के लिए होता है लेकिन वे एक दूसरे के पूरक भी हैं । भाषा के बिना लिपि अधूरी है और लिपि के बिना भाषा का लिखित रूप असंभव है।
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